Friday, June 8, 2018

हिन्दू धर्म : अति महत्वपूर्ण ज्ञान




हिन्दू धर्म  : अति महत्वपूर्ण  ज्ञान ( क्या करना  -  क्या नहीं करना चाहिए )


बड़े सौभाग्य से इस पृथ्वी लोक पर मनुष्य का जीवन मिला है वह भी हिन्दू के घर में, इसलिए इन महत्वपूर्ण जानकारी को अमल में लाएं और प्राप्त करे घर परिवार में सुख समृद्धि और जीवन को बनायें खुशहाल





.     आपके पूजा घर में दो गोमती चक्र , तीन गणेश,  दो सूर्य की मूर्ती , दो शंख , दो शिव लिंग , दो शालिग्राम और तीन देवी प्रतिमा की पूजा नहीं करना चाहिए

.     घर में  देवी की प्रतिमा छोटी (लगभग २० से २३ सेंटीमीटर , इंच)  होनी चाहिए बड़ी प्रतिमा घर में शुभ नहीं होती, एवं जो लाभ मिलाना चाहिए वह नहीं प्राप्त होता है बड़ी प्रतिमा को मंदिर में स्थापित करना चाहिए

.     देवियों की परिक्रमा एक बार , गणेश की तीन बार , विष्णु भगवान की चार बार, सूर्य की सात बार और शिव की आधी बार परिक्रमा करनी चाहिए ऐसा करने से घर परिवार में सुख शांति बनी रहती है

.     गणेश जी की आरती चार बार , सूर्य की सात बार, माँ दुर्गा जी की नौ बार , शिव जी की ग्यारह बार और विष्णु भगवान की बारह बार आरती घूमना चाहिए ।और पूजा करते समय आसन पर बैठकर पूजा करना चाहिए भूमि पर नहीं

.     मध्यान्ह , मध्य रात्रि और संध्या काल में घर बंगला या अन्य कोई निर्माण कार्य नहीं करना चाहिए , सर्वप्रथम शिलान्यास आग्नेय दिशा में और शेष निर्माण प्रदक्षिण क्रम से करना चाहिए

.     ईंट , लोहा , पत्थर , मिटटी और लकड़ी  मकान बनाते समय नया ही इस्तेमाल करना चाहिए, पुराने मकान का इन पदार्थों का इस्तेमाल वर्जित है , ऐसा करने से परिवार में परेशानी ही परेशानी रहती है इसलिए हमेशा मकान में पुराने मकान का सामान  नहीं लगाना  चाहिए  

.     पूर्व , उत्तर और ईशान दिशा की भूमि जो नीची हो अत्यंत लाभप्रद है , परन्तु अन्य दिशाओं की नीची भूमि सभी के लिए हानि कारक है

.     घर के पूर्व में वट वृक्ष, पश्चिम में पीपल का वृक्ष , उत्तर में पाकड़ का वृक्ष और दक्षिण दिशा में गूलर का वृक्ष शुभ फल दायी होता है , परन्तु याद रहे वृक्ष की छाया घर पर नहीं पड़नी  चाहिए।

.    सोते समय पूर्व और दक्षिण दिशा की तरफ ही सिर रखकर सोना चाहिए , प्रतिदिन जो भी आपके आराध्य इष्ट हैं उनको स्मरण कर किसी कार्य के लिए घर से निकलना चाहिए , और हो सके तो माथे पर चन्दन लगाए कार्य अवश्य ही सफल होगा
 
      उपरोक्त बातों को ध्यान में रखें और देखें की आपके घर परिवार में सुख शांति समृद्धि ही बनी रहेगी और इस कलयुग में संतोष और सुख की अनुभूति प्राप्त होगी



पंडित टी0 पी0  त्रिपाठी  
मोबाइल नंबर  -  9721391805

शनि के प्रभाव से बचने के अचूक उपाय




शनि के प्रभाव से बचने के अचूक उपाय :=

1.    सतयुग में मनुष्य की आयु एक लाख वर्ष होती थी जिसमे बाल्य काल  दस हज़ार वर्ष का होता था
2.    त्रेता में मनुष्य की आयु दस हज़ार वर्ष होती थी और बाल्य काल  एक हज़ार वर्ष होता था
3.    द्धापर में मनुष्य की आयु एक हज़ार वर्ष होती थी और बाल्य काल  सौ वर्ष होता था
4.    कलयुग  में मनुष्य की आयु सौ वर्ष बाल्य काल दस वर्ष होता है

v  परन्तु  शाश्त्र में यह भी है की कलयुग में एक आदमी की उम्र एक सौ बीस वर्ष, क्योंकि मनुष्य की विश्मोत्तरी दशा की गड़ना  एक सौ बीस वर्ष से ही की जाती है और कुंडली भी एक सौ बीस वर्ष की गड़ना से बनाई जाती है।

Ø  मनुष्य के जीवन काल में शनि चार बार प्रवेश करता है यदि मनुष्य सौ वर्ष जीवित रहता है तो नहीं तो तीन बार शनि का प्रवेश निश्चित है। 


मनुष्य को शनि से कभी घबराना नहीं चाहिए चूंकि शनि जब मनुष्य की राशि में प्रवेश करता है तो मनुष्य के उस समय तक किये गए कार्यों का लेखा जोखा करता है की आपने अब तक कितना अच्छा और कितना ख़राब काम किया है अच्छे काम में अच्छा दंड और ख़राब काम में बुरा दंड प्रदान करते है। इसलिए मनुष्य को कलयुग में बुरे कार्यों से बचना चाहिए।
शनि चाहे अच्छा हो या ख़राब मनुष्य को भगवान की पूजा नित्य करनी चाहिए, जैसा समय हो, शनि की पूजा के लिए कोई ज्यादा आडम्बर करने की आवश्यकता नहीं है नीचे दिए गए नियमो का पालन करे और नित्य पूजा में लग जाएँ। और पाएं शनि का आशीर्वाद
शनि की उपासना के लिए मनुष्य को सुबह स्नान करके जल फूल अक्षत के साथ प्रतिदिन पीपल के पेड़ पर जल अर्पित करे, शाम के समय जब सूर्य अस्त हो जाये सरसो के तेल का दीपक सिर्फ शनिवार को जलाएं और अदरक का भोग लगाएं। और शनिवार को सिर्फ उरद के दाल के साथ भोजन करें। चूंकि उरद शनि भगवान को अधिक पसंद है।
शनिवार के दिन मांस मदिरा का सेवन पूर्णतयः वर्जित है।   
·         हाँ एक बात यह भी कहना चाहता हूँ क़ि अगर मनुष्य को समय नहीं है तो यह काम पत्नी को करना चाहिए उससे पति और बेटे को भी तत्काल  लाभ मिलेगा।
मनुष्य को अपने जीवन में सिर्फ दो बातों का ध्यान रखना चाहिए :-
v  एक परोपकार करना  चाहिए
v  दूसरा किसी भी व्यक्ति को परेशान नहीं करना चाहिए

सिर्फ इन दो बातों का ध्यान रखे , प्रतिदिन पीपल के पेड़ में जल अर्पित करें और जिए खुशहाल जीवन और पाए शनि देव कि पूरी महान कृपा


पंडित टी0 पी0 त्रिपाठी
मोबाइल नंबर  -  9721391805