अंग फड़कना ,स्वप्न देखना और शरीर में तिल से
प्राप्त फल
बहुत लोगों ने अपनी इच्छा जाहिर किया की पंडित जी अंग फड़कना ,स्वप्न देखना और शरीर में तिल से क्या फल प्राप्त होता है, के बारें में जानकारी देने की कृपा करें, तो इस ब्लॉग में आज अंग स्फुरण फल, स्वप्न फल और शरीर में तिल के बारें में पूरी जानकारी दूंगा । आशा एवं विश्वास है आप सब इसका लाभ अवश्य प्राप्त करेंगे।
= अंगस्फुरण फल =
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स्थान फल
दाहिना
पैर स्थान का लाभ प्राप्त हो
बायां पैर आलस्य उत्पन्न होवै
नेत्र धन
लाभ हो
मस्तक अचल संपत्ति प्राप्त हो
स्कंध (दायां या
बायां) भोग,
समृद्धि प्राप्त हो
कपाल शुभ
प्राप्त हो
नाभि
स्त्री नाश हो
मुख
मित्र प्राप्ति हो
बाहु मध्
धन
का आगमन हो
भ्रुव म सुख प्राप्ति हो
वक्ष विजय प्राप्ति हो
ह्रदय सिद्धि प्राप्ति हो
ओंठ
प्रिय वस्तु प्राप्ति हो
कंठ ऐश्वर्य प्राप्ति हो
ग्रीवा शत्रु भय
पीठ युद्ध पराजय
जंघा स्वामी की प्राप्ति हो
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= स्वप्न देखने का फल =
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स्वप्न फल
बारात देखना परिवार में किसी की मृत्यु हो
बरसात देखना आग
लगना
पहाड़ पर चढ़ना उन्नति प्राप्त हो
शीशे में मुंह
देखना स्त्री से प्रेम
हो
मल मूत्र देखना धन
प्राप्त हो
सफेद बाल देखना आयु बढ़े
फूल देखना (स्त्री, पुरुष
) प्रेमी
या प्रेमिका से
मुलाकात हो
नदी तैरना सारी कठिनाइयों से मुक्ति
मिले
छाती देखना स्त्री वश में
हो
जल पीना उद्योग धंधो में
फायदा हो
पानी में डूबना अच्छे कार्य करना
स्त्री से बात
करना प्रेम
बढ़े
चंद्रमाँ देखना मान
प्रतिष्ठा बढ़े
जहाज देखना दूरगामी
यात्रा हो
पान खाना सुन्दर पत्नी मिले
जुआ खेलना व्यवसाय में लाभ
हो
लड़ाई करना और
रोना प्रसन्नता
प्राप्त हो
झंडा देखना धर्म की वृद्धि
हो
हीरे जवाहरात देखना आशा अभिलाषा पूर्ण हो
बाग फुलवारी देखना ख़ुशी प्राप्त हो
सूर्य को देखना
महान
पुरुष के दर्शन
हो
आकाश में
उड़ना सुदूर यात्रा हो
बादल देखना उन्नति हो
ऊंचाई से गिरना हानि और
कष्ट हो
शरीर पर मल
लगा देखना वृहद्
धन प्राप्त हो
बाल देखना क़र्ज़ से
मुक्त हो
शेर देखना धर्म में
रूचि बढ़े
नदी में डूबना उम्र
बढ़े
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=
शरीर
में
तिल
होने
पर
शुभ
फल
=
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स्थान फल
मस्तक बलवान हो
बाएं पैर खर्च अधिक करे
दाहिने गाल पर धनवान हो
कमर पर आयु परेशानी
में रहे
गर्दन पर आराम मिले
कान पर
दीर्घायु हो
दाहिने हाँथ पर मान प्रतिष्ठा बढ़े
बाएं हाँथ पर
झगड़ालू
हो
पेट पर उत्तम
भोजन का प्रेमी
हो
पेट के बीच
में हो
डरपोक
हो
दायीं छाती पर
स्त्री
से प्रेम रहे
बायीं छाती पर स्त्री से झगड़ा
रहे
दाहिनी हथेली पर बलवान
हो
बायीं हथेली पर
खर्च
अधिक करे
दोनों छाती के
बीच में हो विस्वास
पात्र न हो,
परन्तु जीवन
सुखमय रहे
होंठ पर हो वासना में रत
रहे
ठुड्ढी पर स्त्री से प्रेम
न रहे
पांव के तलवे
पर हो यात्रा होती रहे
पंडित टी पी त्रिपाठी
मोबाइल नंबर - 9721391805
।
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