Monday, June 4, 2018

पीपल वृक्ष : वासुदेव वास (ब्रह्मा, विष्णु और महेश )





पीपल वृक्ष  : वासुदेव वास (ब्रह्मा, विष्णु और महेश )


JAI SHREE GANESHAY NAMAH
                   मनुष्य का जीवन राशि  ग्रह और दशा पर आधारित है।यदि मनुष्य की ग्रह और दशा दोनों ठीक है तो जीवन सभी बाधाओं से मुक्त रहता है
मनुष्य का जीवन १२ राशि, नव ग्रह और दशा पर आधारित है परन्तु यदि किसी मनुष्य की राशि पर शनि का आगमन हुआ हो तो उसे ख़राब माना जाता   है ऐसी स्थिति में मनुष्य को शनि की पूजा (पीपल की पूजा ) करनी चाहिए। 
  
                   पीपल एक ऐसा वृक्ष है जो की मनुष्य के जीवन में राम बाण की तरह  है ये वृक्ष जहाँ भी होंगे वहां खुशहाली ही खुशहली रहेगी, अतः इस वृक्ष की तन और मन से सेवा करनी चाहिए। पीपल के पत्ते पत्ते में देव का वास होता है
        
                    जो भी व्यक्ति पीपल के वृक्ष को लगता है जीवन पर्यन्त उसकी अगली पीढ़ी भी उसी का आनंद लेती है , परन्तु ध्यान रहे लगाने से ही नहीं उनकी सेवा भी करनी चाहिए, सेवा करने से जीवन शांत एवं सुखमय होता है।

                   जब भी आप पीपल का वृक्ष लगाते हैं तो निम्न मंत्र को पढ़कर वृक्ष को रोपित करें :=
                                                                                
मंत्र :=


" वसुधेति शीतोतिपुण्यदेति धरती नमस्ते शुभगे देवि द्रुमौआयन त्वयि रोप्यते "

               पीपल की पूजा बहुत ही आसान है सुबह स्नान करके जल फूल अक्षत ब्रह्म देव पर चढ़ाएं अगरबत्ती जलाएं सात बार परिक्रमा करे लाभ  मिलना  शुरू हो जायेगा.

                पीपल के वृक्ष की पूजा से मनुष्य के राशि पर साढ़ेसाती एवं ढैया शनि का प्रभाव कम हो जाता है ।जिन राशि पर शनि की साढ़ेसाती और ढैया चल रही हो उन व्यक्तियों को प्रतिदिन पीपल के पेड़ में प्रातः काल जल अर्पित करना चाहिए और शनिवार को सायंकाल सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिए। मनुष्य को वासुदेव की कृपा से घर परिवार में सुख शांति एवं तमाम बाधाओं से मुक्ति मिल जाएगी।

उपरोक्त का लाभ उठायें भगवान  में मन लगाएं , परिवार में  मंगलमय ही मंगलमय  होगा और अधिक जानकारी के लिए मेरे ब्लॉग को पढ़ते  रहें
 

   
पंडित टी पी त्रिपाठी
मोबाइल नंबर  -  9721391805

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