पीपल वृक्ष : वासुदेव वास
(ब्रह्मा , विष्णु और महेश )
संतान प्राप्ति के लिए :-
पीपल के
वृक्ष में साक्षात्
नारायण का वास
होता है कलयुग
में हिन्दू धर्म
में पूजा पाठ
बहुत ही आसान
है परन्तु मनुष्य
के पास समय
का बहुत बड़ा
आभाव हो गया
है इसी लिए
मनुष्य को लाभ
नहीं मिल पा
रहा है. इसलिए
तुलसी दास जी
ने राम चरित
मानस में एक
चौपाई लिख कर
कलयुग में पूजा
और आसान कर
दिया है फिर
भी
मनुष्य के
समझ में नहीं
आ रहा है :-
चौपाई :-
कलयुग केवल नाम अधारा ।
राम राम कहि उतरहि पारा ।।
(यानि कलयुग
में केवल नारायण
के नाम का
जाप ही काफी
है. ज्यादा
आडम्बर
की जरूरत नहीं
है).
इतनी आसान
पूजा विधि किसी
भी युग में
नहीं थी. फिर
भी मुनष्य अपने
धर्म से विमुख
होता जा रहा
है.
पीपल की
पूजा संतान प्राप्ति
के लिए स्त्री
या पुरुष या
दोनों सुबह स्नान
करके जल फूल
अक्षत पीपल के
वृक्ष
में अर्पित करे. और
शनिवार की
शाम को सरसों
के तेल का
दीपक लगभग ५१
दिन तक जलाएं साथ
ही महीने
में
दो बार त्रयोदशी आती है
व्रत रखें, व्रत
में अन्न , नमक,
का प्रायोग वर्जित
है ,संतान ही
नहीं पुत्र की
प्राप्ति
१००% निश्चित
है. चूंकि शंकर
भगवन ने भी
कहा है :-
पुत्र होन की इच्छा कोई निश्चय शिव प्रसाद तेहि लेइ
पंडित त्रयोदशी को लावै ध्यान पूर्वक हवन करावै
त्रयोदशी व्रत करै हमेशा तन नहीं ताको रहै कलेशा
धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे शंकर सन्मुख पाठ सुनावै
जन्म जन्म के पाप नशावै अंत वास शिवपुर में पावै
उपरोक्त को
ध्यान
में
रख
भगवन
नारायण
को
स्मरण
करे
,फल
अवश्य
प्राप्त
होगा,
आंगन
में
किलकारी
गूंजेंगी
और
प्रभु
पर
विश्वास रखें.
आप
हमारे
ब्लॉग से अपडेट होते
रहे
उम्मीद
रखता हूँ १००% लाभ
प्राप्त
होता
रहेगा.
अगले
ब्लॉग में पीपल
की पूजा से
कैसे मिलेगी परिवार
में सुख शांति
और कैसा बनेगा
पारिवारिक जीवन
सुखमय, प्राप्ति
के लिए
क्या करना है
जानकारी प्रदान करूंगा.
पढ़ाते रहे मेरे
इस ब्लॉग को
।
पंडित टी पी त्रिपाठी
मोबाइल नंबर - 9721391805
।
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